गोरखपुर, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री 65 वर्षीय शाकिर अली का लखनऊ में रविवार की रात निधन हो गया। वह देवरिया जिले के गौरीबाजार क्षेत्र के करजहां गांव के निवासी थे। वह काफी दिनों से बीमार चल रहे थे।
दो बार रहे प्रदेश सरकार में मंत्री
शाकिर अली पहली बार 1993 में सपा बसपा गठबंधन के दौरान गौरी बाजार विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने और शिक्षा मंत्री बनाए गए। उसके बाद जब गठबंधन टूट गया तो वह पाला बदलकर सपा के साथ हो गए।
सपा सरकार में 2002 में भी वह लघु सिंचाई मंत्री सपा में शामिल होने के बाद उन्होंने चुनाव लड़ा और जीत भी गए। उसके बाद सरकार का गठन हुआ। तब वह सपा सरकार में 2002 में वह लघु सिंचाई मंत्री बनाए गए थे।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को हराया
वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में गौरी बाजार विधानसभा क्षेत्र का ज्यादा हिस्सा नव सृजित विधानसभा क्षेत्र पथरदेवा में चला गया। इस वजह से शाकिर अली ने पथरदेवा से चुनाव लड़ने का फैसला किया। जिसमें भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही को शाकिर अली ने हराया।
सपा से चल रहे थे नाराज
सपा की पूर्ण बहुमत के साथ बनी अखिलेश यादव सरकार में शाकिर अली को मंत्री नहीं बनाया गया। हालांकि इसके लिए उन्होंने काफी प्रयास किया। उन्हें किसी तरह को कोई अन्य पद भी नहीं मिला। इससे वह अखिलेश यादव से काफी नाराज हो गए। बावजूद इसके उन्होंने पार्टी का साथ नहीं छोड़ा।
2012 में पथरदेवा विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनने के बाद ट्रेन से देवरिया रेलवे स्टेशन पहुंचने पर उत्साहित शाकिर अली प्लेटफॉर्म पर उतरते ही घोड़े पर सवार हो गए और प्लेटफॉर्म पर खूब घोड़ा दौड़ाया। इसको लेकर खूब चर्चा में रहे। इसके बाद रेलवे स्टेशन पर नियमविरूद्ध घोड़ा दौड़ाने के मामले में आरपीएफ ने मुकदमा दर्ज किया।
मार्च में होनी थी बेटी की शादी
पूर्व मंत्री शाकिर अली अपने पीछे तीन पुत्र एक पुत्री तथा पत्नी छोड़ गए हैं। बताया जा रहा है कि मार्च में पुत्री की शादी तय
आज होगा सुपुर्द ए खाक
पूर्व मंत्री शाकिर अली के पार्थिव शरीर को देवरिया जिले के उनके पैतृक गांव करजहां, गौरी बाजार लाया जा रहा है। उम्मीद है की दोपहर बाद सुपुर्द ए खाक किया जाएगा।